Sunday, 23 November 2014

अवश्य देखें

इयोम्स यूनिवर्सिटी एक परियोजना है प्रोजेक्ट है जो उत्तर प्रदेश सरकार से रजिस्टर्ड संस्था जन स्वाथ्य शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित है तथा साईं मंदिर चेरिटेबल मिशन द्वारा संरक्षित है जो भारत सरकार के ट्रस्ट रजिट्रेशन एक्ट 1882 के अंतर्गत रजिस्टर्ड व विधि विधि मान्य इकाई है इस परियोजना का सम्बन्ध किसी भी राज्य सरकार , केंद्र सरकार के किसी भी विभाग , यूनिवर्सिटी तथा विशव विद्यालय अनुदान आयोग ( यू जी सी ) आदि से नही है यह एक ऑटो नामस गवर्मेंट द्वारा संचालित  इकाई है जो अल्टरनेटिव थेरीपीस जैसे नैचुरो पैथी  योगा आदि तथा  विशव स्वास्थ्य संग़ठन द्वारा मान्य हानि रहित इम्यूनो  एलोपैथिक मेडिसिन मे प्राथमिक चिकित्सा के लिए कार्यरत है / 
 हमारा उद्देश्य :-  
हमारा उद्देश्य किसी भी छात्र , वैद्य , डॉक्टर को धोखा देना नहीं है , हमारा उद्देश्य आपको सही तथ्यों से सर्वप्रथम अवगत कराना है ,  संस्था तथा कोर्सेज की मान्यता के तथा सम्बंधित कानून  के  सम्बन्ध में   स्पस्ट जानकारी देना है , किसी को  झूठे तथ्य देकर चीटिंग करके , धोखा देकर , झूठ बोलकर , धन का अर्जन नहीं करना है.
                  कानूनी रूप से चिकत्सा कार्ये वही चिक्त्सक कर सकते है जिन्होंने C.P.M.T.  पास करके साढ़े पांच साल का रेगुलर कोर्स M.B.B.S. / B.A.M.S / B.H.M.S. / B.D.S.आदि कोर्स पास किये है और 10 से 60 लाख रुपए खर्च किये है , और किसी को भी आज की तारीख में चिकत्सा कार्ये करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।  हमारे देश में ऐसे डॉक्टर्स की संख्या लगभग 6 लाख है जबकि अनुभवी चिकत्सकों की संख्या लगभग 50 से 60 लाख के बीच है. 
                  इस समय अनुभव आधार पर चिकित्सा कार्ये करने के लिए अनुभवी डॉक्टर्स के लिए कोई स्पस्ट कानून नहीं बनाया गया है , न तो इन्हे सरलता से प्रैक्टिस करने के लिए अनुमति दी गयी है और न ही बड़ी कठिनता से मना किया गया है , जिस किसी चिकितसक ने किसी संस्था से डिप्लोमा लेकर तथा किसी डॉक्टर के यहाँ रहकर अनुभव प्राप्त कर समाज में अपनी  सेवाये देनी शुरू कर दी ,और समाज ने उसे चिकितसक के रूप में स्वीकार कर लिया ,  वह  ही प्रसिद्ध डॉक्टर बन गया , उसी के पास घर , गाडी , बंगला हो गया , और अब ऐसे चिकित्स्को को अपनी प्रैक्टिस और सम्मान के बचाव के लिए सरकार से रजिस्टर्ड संस्थाओ से कुछ डिप्लोमा  कोर्स करने ही होंगे जिससे उनकी प्रैक्टिस और सम्मान की रक्षा हो सके , इस समय इस तरह के 2 डिप्लोमा किये जा सकते है :- 
1 – सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमा :-     माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमाधारी चिकित्स्को को संक्रामक रोगो सहित सभी रोंगो में जनरल उपचार की अनुमति दी है , तथा अपने निर्णय में कहा है कि –  सी 0 एम 0 एस 0 डिप्लोमा धारी चिकितसक अपने मरीजो को मेडिकल प्रमाण पत्र दे सकते है , — सुप्रीम कोर्ट का निर्णय होने के कारण कोई जांच अधिकारी – सी 0 एम 0 ओ 0  आदि परेशान नहीं करते है क्योंकि उन्हें भी डर होता है कि कहीं उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस न लग जाये और उन्हें बार – बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। आप आदर सहित अधिकारी महोदय को इस संस्था द्वारा दिए गए पेपर्स दिखाये और उनका सम्मान करे , यदि अधिकारी महोदय इस संस्था से आपके प्रमाण पत्रो का सत्यापन मांगेंगे तो संस्था  उन्हें अपने हाई कोर्ट / सुप्रीम कोर्ट के लीगल एडवाइजर के माध्यम से वेरिफिकेशन भेज देंगे। 
                                         CMS / DCMS/ CMSED/ CMS (Ayurved)/ CMS (Homoeopathy)/ CMS (Nursing) / CMS (Dental) /CMS (Naturopaty) आदि डिप्लोमा इस संस्था द्वारा कराये जाते है जिनकी मान्यता एक सामान है , इनमे कोई विशेष अंतर नहीं है
2– बी 0 ए 0 एम 0 एस 0 (नेचुरोपैथी ):-  नेचुरोपैथी सिस्टम शासन द्वारा मान्यता प्राप्त सिस्टम है , सरकारी आदेश के अनुसार नेचुरोपैथी चिक्त्सक  साथ डॉक्टर शब्द का प्रयोग कर सकते है , सरकार द्वारा नेचुरोपैथी के प्रशिक्षण व रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं की गयी है , अत : सरकार  से रजिस्टर्ड मान्यता प्राप्त संस्थाओ द्वारा दिए गए प्रशिक्षण व रजिस्ट्रेशन ही मान्य  है, नेचुरोपैथी के प्रशिक्षण व प्रैक्टिस पर कोई सरकारी रोक नहीं है , नेचुरोपैथी के प्रमाण पत्रो से नेचुरोपैथी सिस्टम में  सी 0 एम 0 ओ 0 ऑफिस में रजिस्ट्रेशन हो सकता है , 
                                   इस संस्था द्वारा D.N.S , N.D. , D.N.Y.S., B.AM.S.(Nat.) , M.D.(N.M) , तथा Ph.D (N.M.) आदि आदि कोर्स कराये जाते है , जिन चिकत्सकों ने किसी दूसरी संस्था से कोई कोर्स किया है और वह रजिस्ट्रेशन इस संस्था में करना चाहते है तो उनका रजिस्ट्रेशन हो जाते है , 


OUR AIM:-   OUR AIM IS TO GIVE & TELL TRUE FACT , ABOUT RECOGNIZATION RULES , REGULATIONS , PRIVILEGES FOR PRACTICE TO THE PRACTITIONERS / DOCTORS / STUDENT THERE IS  NO CHEATING , NO QUEKING , NO FALSE STATEMENT ARE GIVEN BY OUR INSTITUTE / ORGANIZATION.
                     AT PRESENT THERE IS NO GOVERNMENT RULE – TO PRACTICE IN ALLOPATHY , HOMEOPATHY , AYURVED , Etc. FOR EXPERIENCE HOLDING DOCTOR’S/ PRACTITIONERS . ANY CERTIFICATE IS NOT ISSUED BY ANY GOVERNMENT FOR PRACTICE IN INDIA . 
 ONLY THOSE DOCTOR’S CAN PRACTICE WHO HAS COMPLETED THE COURSE M.B.B.S. , B.A.M.S. , B.H.M.S. , B.D.S. Etc. AS REGULAR STUDENT AFTER PASSING C.P.M.T. EXAMINATION. AND OBTAINED HIGHER MARKS IN INTER , B.Sc. IN BIOLOGY GROUP OR TAKEN ADMISSION ON DONATION BASES , IN COMPLETING STUDY WHO HAD EX PENCE IN HIS STUDY 10 TO 60 LAKHS RUPEES .  —- ONLY THESE DOCTOR’S CAN PRACTICE.
THE DOCTOR’S WHO R PRACTICING ON EXPERIENCE BASE MORE THAN 5 -10 YEARS & HAVE NO ANY LEGAL CERTIFICATE FOR PRACTICE . THE GOVERNMENT CERTIFICATE IS NOT POSSIBLE FOR PRACTICE & THE DOCTOR’S COULD NOT LEAVE PRACTICE BECAUSE HIS WHOLE FAMILY ECONOMICAL  STRUCTURE IS DEPEND ON PRACTICE BECAUSE HE IS  WORKING LAST SEVERAL YEARS . —- SO , AT PRESENT HE WANT A CERTIFICATE WHICH PROVIDE HIM  SAFETY (SAFE-GUARD) / PROTECTION . 
                 THERE R 2 CERTIFICATE WHICH MAY BE A BASE . TO SAVE HIS /HER PRACTICE  TO FOLLOWING RULES OF THE GOVERNMENT COURT’S LAW’S
ONE IS - C.M.S. DIPLOMA :-   THE SUPREME COURT HAVE GIVEN A JUDGEMENT THAT C.M.S. DIPLOMA HOLDER CAN DO GENERAL MEDICAL  PRACTICE , PRESCRIBE MEDICINE & ISSUE MEDICAL CERTIFICATE . AFTER TAKING C.M.S. DIPLOMA THE EXPERIENCED DOCTOR’S / PRACTITIONERS CAN PRACTICE AS QUALIFIED DIPLOMA HOLDER . NOW HE WILL NOT BE FAKE NOT QUAKE . NEITHER ANY EXECUTIVE TAKE ACTION AGAINST HIM BECAUSE THE EXECUTIVE WILL FEEL , FEAR IN HIMSELF THAT HE MAY BE INVOLVE / REVERSE IN THE CASE . 
THERE R 2 TYPES OF DOCTOR’S IN THE EYE SIGHT OF GOVERNMENT – ONE IS DEGREE HOLDER AS M.B.B.S. / B.A.M.S. Etc. & OTHER IS R.M.P. DOCTOR’S IN NOBLE LANGUAGE AND JHOLA CHHAP (BOGUS) – THERE IS NO ANY DIPLOMA COURSE RUN BY GOVERNMENT FOR PRIMARY MEDICAL PRACTICE , EXCEPT EXCEPTION .
 THE C.M.S. DIPLOMA IS ISSUED IN ALLOPATHY . HOMEOPATHY , AYURVED , NATUROPATHY , NURSING , ALTERNATIVE THERAPIES / NURSING / DENTAL Etc. BY OUR INSTITUTE . THE DIPLOMA’S C.M.S. / D.C.M.S. / C.M.S.E.D / C.M.S. (HOMOEOPATHY ) / C.M.S. (AYURVED), C.M.S (NURSING) , C.M.S (DENTAL) , Etc. OR CLASSIFIED UNDER SAME CATEGORY .
2- B.A.M.S (NATUROPATHY) :-  THE NATUROPATHY SYSTEM  IS NOW RECOGNISED BY GOVERNMENT . NATUROPATHY DOCTOR CAN AFFIX THE WORD “DOCTOR” WITH HIS NAME AS GOVERNMENT ORDER / CIRCULAR . THE NATUROPATHIC SYSTEM IS VALID FOR PRACTICE . THERE IS NO ANY RESTRICTION BY GOVERNMENT IN IMPORTING EDUCATION AND PRACTICE . GOVERNMENTS REGISTRATION IS NOT BEING IN NATUROPATHY . SO THE REGISTRATION OF GOVERNMENT REGISTERED INSTITUTES / BOARD / COUNCIL / ARE VALID FOR NATUROPATHY PRACTICE TILL THE GOVERNMENT WILL NOT PASS UNANIMOUS ORDER / RULES .
                              THE DIPLOMA IN NATUROPATHY D.N.S. ,N.D.,  D.N.Y.S. , B.A.M.S. (Nat.)/ M.D.(N.M)/ Ph.D (N.M.) ARE ISSUED BY THIS INSTITUTE / BOARD .

                            (A) –  ABOVE FACTS R APPLICABLE IN INDIA ONLY .
                          (B)- FROM OTHER COUNTRIES THE DOCTOR’S / PRACTITIONERS / STUDENTS CAN COMPLETE THE COURSE AND TAKE CERTIFICATES . FOR PRACTICE THEY WILL FOLLOW THE RULES / REGULATIONS  OF THEIR OWN COUNTRY. HE CAN AFFIX THESE DESIGNATION WITH HIS NAME AS – D.N.Y.S. (INDIA) , C.M.S. (INDIA) , B.A.M.S. (NAT.) INDIA , M.D.(N.M.) INDIA Etc.  

5 comments:

  1. sirji. i have done mbbs biochemic system of medicine jabalpur mp& also complete bems ,cmsed ,chw. so sirji ,i have done new registration in your side ,he is possible to get registration

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  2. sirji. mine mbbs biochemic system of medicine ki degree li he Evan cmsed chw chw ka diploma hiya he kya mera registration aap ke yaha ho sakta he please reply

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  3. sirji i have done mbbs(biochemic),bems,cms&ed,chw,chv,&running dnys so i can used 'Doctor'word,used my name. how to add my name in all india doctor list registration.

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  4. मैं ने D.I.A.S.M की डिग्री लिया है एक्सप्रिंस बेसिस पर। प्रेक्टिस कर सकते है ग्रामीण क्षेत्र में

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